सोशल मीडिया की लत ( Essay on Social Media Addiction)

सोशल मीडिया क्या है, सोशल मीडिया का क्या महत्त्व है, सोशल मीडिया का दुरुपयोग, सोशल मीडिया की लत से समस्या और उसके निवारण के बारे में जानेगे |

सोशल मीडिया क्या है ?

सोशल मीडिया यह शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है सोशल + मीडिया | सोशल अर्थात सामाजिक और मीडिया अर्थात माध्यम | इस प्रकार सोशल मीडिया एक ऐसा माध्यम है जो हमें समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों से जोड़ता है |

आज इसी प्रकार तकनीक के माध्यम से लोग घर बैठे इंटरनेट के जरिए लोगों से जुड़ पा रहे हैं और दुनियाभर की जानकारियाँ आपस में साँझा कर रहे हैं। 

जैसे कि आज हम व्हाट्सप्प के माध्यम से अपने रिश्तेदारों, मित्रों का ग्रुप बनाकर उनसे बात कर सकते है, तस्वीरें,  वीडियो साँझा कर सकते हैं। फेसबुक, इंस्ट्राग्राम के माध्यम से आज हजारों लोग अपना व्यापार आगे बढ़ा रहे हैं

सोशल मीडिया आज हमारे जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया हैं।  

सोशल मीडिया का इतिहास और क्रांति 

अमेरिका में साल 1979 में एक क्रांति का उदय हुआ – अरपानेट (ARPANET – Advanced Research Project Agency Network) . इसके बाद पूरी दुनिया में तेजी से इन्टरनेट का जाल फ़ैल गया और इसी के साथ शुरू हुआ नए अविष्कारों का दौर,  जिसने पूरी दुनिया‌ को बदल कर रख दिया ।

इसके बाद एक के बाद एक कई सोशल मीडिया एप्स लांच हुए, जिनमें से कई बंद हुए हैं, तो कई अभी तक पूरी दुनिया में अपनी जड़ें जमाए हुए हैं 

फेसबुक – स्थापना  2004

इंस्टाग्राम – स्थापना  2010

ट्विटर –            स्थापना  2006 

व्हाट्सएप्प –  स्थापना  2009

स्नेपचैट  –  स्थापना  2011 

भारत सरकार की तरफ से भी स्टार्टअप इंडिया और  मेड इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत कई देसी एप्स लांच किए गए हैं, जैसे चिंगारी, कू । जिसने सोशल मीडिया की दुनिया में क्रांति ला दी है। आज पूरी दुनिया में लगभग 4.30 सौ करोड़ एक्टिव सोशल मीडिया यूजर्स है। यानी दुनिया के कुल आबादी में इस समय 53% लोग सोशल मीडिया पर है। 21वीं सदी में दुनिया ने सोशल मीडिया की क्रांति के युग में प्रवेश किया है और इस डिजिटल क्रांति से  देश-विदेश में कई राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक बदलाव देखने को मिले हैं। 

सोशल मीडिया का  महत्त्व 

आज सोशल मीडिया के महत्त्व से कोई अनजान नहीं हैं । हर वर्ष 30 मई को सोशल मीडिया दिवस मनाया जाता हैं।  इसका उद्देश्य लोगो को सोशल मीडिया के इतिहास और उसके विकास से अवगत कराना हैं। 

सोशल मीडिया का दुरुपयोग 

आँकड़ों के अनुसार, वर्ष 2018-19 में फेसबुक, ट्विटर समेत कई साइटों पर 3,245 आपत्तिजनक सामग्रियों के मिलने की शिकायत की गई थी | जिनमें से जून 2019 तक 2,662 सामग्रियाँ हटा दी गईं थीं।

उल्लेखनीय है कि इनमें ज़्यादातर वह सामग्री थी जो धार्मिक भावनाओं और राष्ट्रीय प्रतीकों के अपमान का निषेध करने वाले कानूनों का उल्लंघन कर रही थी। इस अल्पावधि में बड़ी संख्या में आपत्तिजनक सामग्री का पाया जाना यह दर्शाता है कि सोशल मीडिया का कितना ज़्यादा दुरुपयोग हो रहा है।

सोशल मीडिया की लत – समस्या और निवारण

आज सोशल मीडिया बहुत ही तेजी से प्रसारित हो रहा हैं। लेकिन इसी के साथ ही सोशल मीडिया के कारण हम अपने सगे-संबंधियों से दूर होते जा रहे हैं।  जहां एक ओर सोशल मीडिया ने कई लोगों की जिंदगी में खुशहाली लाने का काम किया है , वहीं दूसरी ओर कई लोगों की आत्महत्या का कारण भी बना हैं। वैज्ञानिकों ने पाया है कि किशोरों द्वारा सोशल मीडिया का अति प्रयोग उसी प्रकार के उत्तेजना पैटर्न का सृजन करता है जैसा अन्य एडिक्शन व्यवहारों से उत्पन्न होता हैं।  

आज के युवा ,बच्चे , बुजुर्ग सभी इस आभासी दुनिया को जिंदगी की सच्चाई समझ बैठे हैं और इस आभासी दुनिया में लाइक, कमेंट, शेयर को ही वास्तविक खुशी मानते हैं।  कई लोग अपनी ज़िन्दगी के पल-पल की तस्वीरें सांझा करते हैं, तो वहीं दूसरी ओर कुछ लोग भ्रामक, गलत जानकारियां फैलाते हैं और सोशल मीडिया का गलत फायदा उठाते हैं।  

जहां एक ओर सोशल मीडिया के सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं, वहीं दूसरी ओर कई नकारात्मक परिणाम भी सामने आए हैं। 

समस्याएं

  • साइबरबुलिइंग या ट्रोलिंग: इसने गंभीर समस्याएँ पैदा की हैं और यहाँ तक ​​कि किशोरों के बीच आत्महत्या के मामलों को भी जन्म दिया है। इसके अलावा, साइबरबुलिइंग जैसे कृत्य में संलग्न किशोर मादक पदार्थों के सेवन, आक्रामकता और आपराधिक कृत्य में संलग्न होने के प्रति भी संवेदनशील होते हैं।

वही कुछ लोग अपनी फोटो, पोस्ट पर कम लाइक्स या कमेंट मिलने, ट्रोलिंग  की वजह से डिप्रेशन में आकर सुसाइड कर लेते हैं।

  • फेक न्यूज – जैसे कुछ लोग गलत जानकारियों, विज्ञापनों के भ्रम में पड़कर अपना नुकसान कर लेते हैं। 
  • समय‌ की बर्बादी -‌ युवा अपना कीमती समय सोशल मीडिया पर बर्बाद कर रहे हैं। युवा, बच्चे घंटों बैठकर सोशल मीडिया पर चैटिंग करते हैं, इससे उनके सामाजिक व्यवहार पर असर होता हैं। 
  • स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव – लगातार स्क्रीन पर देखने से, सभी उम्र के लोगो में आँखों की समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। छोटी उम्र में ही बच्चों को चश्मे लग रहे हैं। वही झुककर मोबाइल देखने से शारीरिक संरचना पर नकारात्मक असर पड़ता हैं। छोटी उम्र में ही दुधमुंहे बच्चे मोबाइल चला रहे हैं, इससे उनकी बौद्धिक क्षमता प्रभावित हो रही हैं। 

इस प्रकार सोशल मीडिया के कारण युवा, बच्चों और बुजुर्गों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ रहा हैं।

समाधान 

माता-पिता को चाहिए कि वे अपने दूधमुंहे बच्चे को मोबाइल ना चलाने दें, उसके बजाए उसे खेल-कूद जैसी गतिविधियों में व्यस्त रखें और खुद भी बच्चे के सामने मोबाइल का इस्तेमाल न करें। 

स्क्रीन टाइम पर नियंत्रण करें– हर 20 मिनट से अपनी आँखे मोबाइल से दूर करें और थोड़ा ब्रेक लें। चाहे तो आँखों को ठंडे पानी धो लें और थोड़ा वॉक करें | जिससे शारीरिक समस्या न हो। युवा बच्चों के माता-पिता को ये ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे एक निश्चित समय तक ही मोबाइल चलाए और सोशल मीडिया का इस्तेमाल सीमित मात्रा में करें। 

जब सोशल मीडिया से प्राप्त सामग्री इनके मन में भारत की अच्छी तस्वीर पेश करती है। तो इस तरह से हम कह सकते हैं कि सोशल मीडिया देश के विकास में भी अपनी उपयोगिता सिद्ध कर रहा  हैं।

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